Linux Operating System In Hindi - लिनक्स क्या है

इस समय आप को एक बहुत पॉपुलर ऑपरेटिंग सिस्टम का नाम सुन रहे होंगे वो है Linux और आप इसके बारे में अधिक से अधिक जानना चाहते है ,क्यों की इसका उपयोग स्मार्टफोन, कार, बड़ी कम्पनी के सर्वर में ,डेस्कटॉप में इन सब जगहों पर लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग बहुत तेजी से हो रहा है। 


Linux Operating System In Hindi
Linux Operating System In Hindi


अगर देखा जाये तो अब लिनक्स का उपयोग हर एक जगह होने लगा है। इस समय जो मोबाइल में एंड्राइड ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग होता है वो भी लिनक्स बेस ऑपरेटिंग सिस्टम है। यहाँ तक की गूगल और फेसबुक अपने सर्वर में लिनक्स का उपयोग करते  है यह इंटरनेट पर सबसे ज्यादा उपयोग होता है ,दुनिया के टॉप 500 सुपरकम्प्युटर और वर्ल्ड स्टॉक एक्सचेंज में भी लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग होता है। अब आप समझ ही सकते हो की ये कितना अच्छा और पॉपुलर ऑपरेटिंग सिस्टम है जो पूरी दुनिया में उपयोग हो रहा है। 

Linux Operating System क्या है 

जैसे  माइक्रोसॉफ्ट का विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम ,एप्पल का MAc IOS है वैसे ही लिनक्स भी एक ऑपरेटिंग सिस्टम है। और इस समय का सबसे पॉपुलर ऑपरेटिंग सिस्टम है, जैसा की आप जानते है की ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर कंप्यूटर हार्डवेयर और एप्लीकेशन के बीच इंटरफ़ेस का काम करता है। बिना ऑपरेटिंग सिस्टम के कंप्यूटर किसी काम का नहीं है। 

लिनक्स के पॉपुलैरिटी का मुख्य कारण यह है की ये फ्री ऑपरेटिंग सिस्टम है इसका उपयोग करने के लिए आपको किसी तरह का लाइसेंस लेने की जरुरत नहीं जैसा की आप को विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम में करना पड़ता है। फ्री होने के साथ साथ यह ओपन सोर्स भी है ओपन  सोर्स का मतलब इसका सोर्स कोड इसके वेबसाइट पर सबके लिए उपलब्ध है।  अगर आप एक प्रोग्रामर या डेवलपर हो तो इसके सोर्स कोड का उपयोग कर के अपना खुद का एक अलग ऑपरेटिंग सिस्टम बना सकते हो। 

ओपन सोर्स होने की वजह से इस ऑपरेटिंग सिस्टम की कमियों को हमेशा दूर किया जाता है जैसे  ही कोई कमी आती है इसके डेवलपर इसमें जो कमी आती उसको तुरंत दूर कर देते है इस वजह से लिनक्स बहुत ही सेक्युर ऑपरेटिंग सिस्टम है और इसमें वायरस का खतरा भी बहुत कम होता है। इसका उपयोग हम बहुत कम कॉन्फ़िगरेशन वाले कंप्यूटर में भी कर सकते है जैसे की 1Gb RAM और core to due प्रोसेसर के साथ भी उपयोग कर सकते है। 

लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम बहुत ढेर सारे component से मिल कर बना है।




Bootloader (बूटलोडर ) 

बूट लोडर वह सॉफ्टवेयर है जो आपके सिस्टम को बूट करने में मदद करता है  और आपके बूट प्रोसेस को भी यही मैनेज करता है। नार्मल यूजर के लिए यह सिर्फ एक splash screen होता है जो उनके स्क्रीन पर पॉपअप होता है और फिर ऑपरेटिंग सिस्टम को बूट करता है। 

kernel (कर्नल )

यही वह लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम का मुख्य भाग है या यु कहे की यही वह piece of code है जिसको हम लिनक्स कहते है। यह लिनक्स का मुख्य भाग होता है यह ऑपरेटिंग सिस्टम के अंदर जो भी महत्वपूर्ण काम होता है जैसे की CPU को मैनेज करना, मेमोरी को मैनेज करना और जो भी बाहरी डिवाइस हमारे सिस्टम से लगे होते है उन सब को मैनेज करना कर्नेल का ही काम होता है। किसी भी OS का सबसे लोवेस्ट लेवल कर्नेल ही होता है। 

Daemons (डाइमोंस )

डाइमोंस बैकग्राउंड सर्विसेज होते है जो जब सिस्टम बूट होता तब चालू होते है या फिर जब आप सिस्टम में login होते है तब। बैकग्राउंड में साउंड का चलना ,डॉक्युमनेट प्रिंट होना या फिर किसी और प्रोसेस को शेडूल करना ये सब डाइमोंस में आते है। 

Desktop Environment (डेस्कटॉप एनवायरनमेंट )

जब हम किसी भी सिस्टम पर काम करते है तो यही वो पार्ट होता है जिससे हम यानि की End User Interact करते है। हर एक डेस्कटॉप एनवायरनमेंट में बिल्ट इन एप्लीकेशन होते है जैसे की फाइल मैनेजर ,वेब ब्राउज़र ,कॉन्फ़िगरेशन टूल और गेम भी होते है। इस समय लिनक्स में बहुत से डेस्कटॉप एनवायरनमेंट मौजूद है जैसे की GNOM ,KDE, MATE, Cinnamon,XFce,pantheon और भी बहुत से एनवीरोमेंट मौजूद है। 

Graphic server (ग्राफ़िक सर्वर )

यह वह sub System होता है जो मॉनिटर स्क्रीन पर ग्राफ़िक को दिखाता है। इसको अक्सर हम x server का केवल X से भी जानते है। 

Application (एप्लीकेशन )

अगर हमे विडोस या MAC os में कोई भी सॉफ्टवेयर डालना है तो हमे उसके लिए अगर आप उनके app स्टोर में देखेंगे तो सायद ही वो एप्लीकेशन मिल जाये और अगर मिल भी जाती तो उसके एडवांस फीचर का उपयोग  करने के लिए आप को अच्छा खासा पैसे भी देने पड़ते है उस एप्लीकेशन के एडवांस वर्शन का उपयोग  करने के लिए। लेकिन इन सब मामलो में लिनक्स आपको बहुत ही सुविधा देता है , लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में आप इसके एक centralize App स्टोर से ही लाखो अप्प को सर्च और आसानी से अपने  सिस्टम में इनस्टॉल कर सकते है।  

Int System (इंट सिस्टम )

इंट सिस्टम sub-system  होता है जो उपयोग कर्ता स्पेस को बूटस्ट्रैप करने का काम करती है और डेमोन्स को भी कण्ट्रोल करती है। सबसे ज्यादा उपयोग होने वाला जो int system है वो systemd है। यह वही int system है जो बूट प्रोसेस को मैनेज करती है जब एक बार प्राम्भिक बूटिंग बूट लोडर (जैसे की गरूब या ग्रैंड यूनिफाइड बूट लोडर ) में लोड हो जाता है। 

Linux को किसने बनाया 


Linux को किसने बनाया
Linus Torvalds

लिनक्स एक ऑपरेटिंग सिस्टम और कर्नेल भी है जिसको बनाने का श्रेय इसके जन्मदाता Linus Torvalds को जाता है। ये बात उन दिनों की है जब ये अपने कॉलेज में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई कर रहे थे और उस समय ये unix ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करते थे जो की एक कंपनी AT &T का ऑपरेटिंग सिस्टम था जिसको bell लैब्स में दो researcher Ken Thompson और Dennis ritchie ने डेवेलोप किया था। 

पर unix ऑपरेटिंग सिस्टम में कुछ कमिया थी जिसको linus torvalds दूर करना चाहते थे जिसके लिए इन्होने उनको कुछ सुझाव भी दिए लेकिन कंपनी ने इनके सुझाव को ठुकरा दिया इसके बाद इन्होने सोचा की ये एक ऐसे ऑपरेटिंग सिस्टम को बनाएंगे जिसमे कोई भी जिसको कोडिंग आती है अपने अनुसार उसमे changes कर के उपयोग कर सकता है। फिर इसके बाद इन्होने 1991 में  लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम को बनाया और इसका सोर्स कोड ओपन रखा जिससे कोई भी लिनक्स का सोर्स कोड का उपयोग करके अपना खुद का ऑपरेटिंग सिस्टम बना सके। 

Feature Of Linux Operating System In Hindi 

मै अब आप को कुछ लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के फीचर के बारे में बताने जा रहा हु जो लिनक्स को दूसरे OS से अलग और बेहतर बनाती है। 

ओपन सोर्स (Open सोर्स )

लिनक्स का सबसे बड़ा और बहुत अच्छे फीचर में इसका ओपन सोर्स होना है जो इसको आज कल बहुत ही पॉपुलर बना रहा है। ओपन सोर्स होने की वजह से आप इस ऑपरेटिंग सिस्टम को एकदम फ्री में उपयोग कर सकते है और साथ ही साथ इसमें को भी बदलाव करने हो तो आप बहुत ही आसानी से कर सकते बस आपको कोडिंग आनी चाहिए। फिर आप अपने मन के अनुसार इसमें बदलाव कर के इसका उपयोग भी कर सकते है और इंटरनेट पर अपलोड कर के दूसरे को भी बाट सकते है जो इसका उपयोग करना चाहते है। 

पोर्टेबल (Portable )

पोर्टेबल का मतलब है की आप लिनक्स सॉफ्टवेयर को अलग अलग तरह के हार्डवेयर पर आसानी से चला सकते है बिना किसी परेशानी के जैसा की मैंने पहले भी बताया था की लिनक्स को उपयोग करने के लिए आप को बहुत की कम हार्डवेयर रिसोर्स की जरुरत होती है। अलग अलग हार्डवेयर पर लिनक्स कर्नेल और एप्लीकेशन प्रोग्राम इंस्टालेशन को बहुत ही अच्छे से सपोर्ट करते है। 

मल्टीयूज़र (Multiuser )

लिनक्स एक मल्टीयूज़र प्रोग्राम है जिसका उपयोग एक समय में अलग अलग लोग इसके हार्डवेयर रिसोर्स का जैसे की RAM /Memory और Application का उपयोग कर सकते है। 

मल्टीप्रोग्रॅमिंग (Multiprograming )

लिनक्स में मल्टीप्रोग्रॅमिंग से मतलब यह है की आप इसमें एक समय में एक से ज्यादा एप्लीकेशन को चला सकते है। 

हिरार्चिकल फाइल सिस्टम (Hierarchical File System )

लिनक्स हमें एक स्टैंडर्ड फाइल structure प्रदान करता है जिसमे सिस्टम फाइल /यूजर फाइल का मैनेजमेंट होता है। 

शैल (shell )

ऑपरेटिंग सिस्टम के अंदर किसी भी कमांड को एक्सेक्यूट करने के लिए लिनक्स एक स्पेशल इंटरप्रेटर का उपयोग करता है। इसके साथ साथ ये और भी बहुत ऑपरेशन को करता है जैसे की कॉल एप्लीकेशन प्रोग्राम और भी बहुत कुछ। 

सिक्योरिटी (Security )

अगर हम विंडोज और मैक से सिक्योरिटी के मामले में लिनक्स की तुलना करे तो इन सब से अच्छा सिक्योरिटी लिनक्स हमको देता है। लिनक्स यूजर को सिक्योरिटी फीचर अलग अलग ऑथेंटिकेशन method से सुरक्षा प्रदान करता है जैसे की पासवर्ड प्रोटेक्शन /किसी एक फाइल पर एक्सेस कण्ट्रोल लगा कर /डाटा को एन्क्रिप्ट कर के।  

फ्री (Free )

लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम एकदम से फ्री है आप इसके वेबसाइट से डाउनलोड और इस्तेमाल कर सकते है और दूसरे को भी बाट सकते है। 

Linux Distribution क्या है (What is Linux distros)

अब अगर आप ने लिनक्स के बारे में जान लिया तो इसके डिस्ट्रीब्यूशन के बारे में जानना बहुत ही जरुरी है ,क्यों की लिनक्स का उपयोग अपने कंप्यूटर या सर्वर में करने से पहले आप को इसके किसी एक डिस्ट्रोस को चुनना होगा। आज कल लोग उबंटू का उपयोग ज्यादा कर रहे है लेकिन उबंटू लिनक्स डिस्ट्रोस में से एक है। 

माइक्रोसॉफ्ट और मैक ऑपरेटिंग सिस्टम अपने कोड के हर एक बिट को internally कंबाइन कर के एक सिंगल पैकेज के रूप में अपने नए OS के अपडेटेड वर्शन को रिलीज़ करते है। 

पर लिनक्स इनसे बहुत अलग है क्यों की लिनक्स का हर एक पार्ट अलग अलग ऑर्गनाइज़ेशन ने मिल कर बनाया है। अलग अलग पार्ट का मतलब है kernel ,shell Utility ,x server ,system environment ,graphic program और भी। अगर आप अपना खुद का एक लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन बनाना चाहते है तो आप को इसके हर एक पार्ट को एक्सेस कर के उसको सही तरह से अस्सेम्ब्ल करना होगा जो की एक बहुत मुश्किल और लम्बा काम है। 

यहाँ पर कुछ पॉपुलर लिनक्स डिस्ट्रीब्यूशन का नाम मै बताने जा रहा हु। 

  1. Ubuntu
  2. Linux Mint
  3. Debian
  4. Red hat enterprise
  5. Fedora
  6. CentOS
  7. Open SUSE
  8. Arch Linux 

आपके लिए कौन सा लिनक्स का डिस्ट्रीब्यूशन अच्छा रहेगा 

अगर आप को मैक OS बहुत पसंद है और उपयोग करने में भी आसानी हो तो आप Ubantu का उपयोग करिये। 

अगर आप विंडोज से लिनक्स पर स्विच कर रहे हो तो आप लिनक्स मिंट का उपयोग करे ये आपको अच्छा लगेगा और नए लोगो को पहले इसी डिस्ट्रोस से शुरुवात करनी चाहिए। 

आप बहुत ही stable डिस्ट्रोस का उपयोग करना चाहते है तो Debian का उपयोग कर सकते है अगर आप अभी नए है तो इसका उपयोग ना करे तो अच्छा रहेगा। 

अगर आप कही किसी कंपनी में कोई सर्वर बना रहे है और लिनक्स का उपयोग करना चाहते है तो Red hat सबसे बढ़िया ऑप्शन है और लिनक्स सर्वर में सबसे ज्यादा उपयोग भी किया जाता है। 

अगर आप रेड हैट के ट्रेड मार्क को देखना पसंद नहीं करते पर उसके जैसा ऑपरेटिंग सिस्टम चाहिए तो आप CentOS का उपयोग कर सकते है। 

अगर आप रेड हैट के साथ साथ लेटेस्ट सॉफ्टवेयर का उपयोग करना चाहते है तो Fedora को इस्तेमाल करे। 

अगर हम बात ओपन सुसे की करे तो ये काम तो फेडोरा जैसा ही करता है पर फेडोरा से बहुत stable है। 

अगर आप लिनक्स के एक एडवांस यूजर है तो आप को Arch Linux को एक बार try करना चाहिए। 


Structure Of Linux Operating System In Hindi

अगर हम लिनक्स के आर्किटेक्चर की बात करे तो इसके कुछ महत्वपूर्ण कॉम्पोनेन्ट कुछ इस तरह से है जैसे की कर्नेल ,शैल ,हार्डवेयर लेयर ,सिस्टम लाइब्रेरी ,सिस्टम यूटिलिटी है। 



Structure Of Linux Operating System In Hindi
Structure Of Linux Operating System In Hindi


1.कर्नेल 

जैसा की मैंने आप को कर्नेल के बारे में पहले ही बता चूका हु की यही वो main कोड है जिसको हम लोग लिनक्स कहते है और किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम का सबसे main पार्ट या यु कहे की ऑपरेटिंग सिस्टम के अंदर जो भी महत्वपूर्ण काम होते उन सब को मैनेज करना कर्नेल का ही काम होता है सिस्टम के अंदर अलग अलग प्रोसेस को मैनेज करने का काम भी लिनक्स ही करता है। कर्नेल के भी कई type होते है जैसे की। 

  • मोनोलिथिक कर्नेल (Monolithic Kernel )
  • हाइब्रिड कर्नेल (Hybrid Kernel)
  • एक्सओ कर्नेल (EXO Kernel)
  • माइक्रो कर्नेल (Micro Kernel)

2. सिस्टम लाइब्रेरी 

सिस्टम लाइब्रेरी एक स्पेशल तरह के फंक्शन होते है जिनका काम ऑपरेटिंग सिस्टम के functionality को इम्प्लीमेंट करना होता है और इनको कर्नेल के मॉडुल के कोड को एक्सेस करने की जरुरत नहीं होती है।

3. शैल 

शैल यूजर और कर्नेल के बीच इंटरफ़ेस का काम करता है वैसे ही जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम हार्डवेयर और यूजर के बीच इंटरफ़ेस का काम करता है।  यह उपयोग कर्ता से कमांड को लेकर कर्नेल के फंक्शन को चलाता है। शैल ऑपरेटिंग सिस्टम में अलग अलग तरीके से मौजूद रहता है जिसको हम दो भागो में बाट सकते है कमांड लाइन शैल और ग्राफ़िक शैल। 

कमांड लाइन शैल कमांड लाइन इंटरफ़ेस को प्रदान करता है और वही ग्राफ़िक शैल ग्राफ़िक यूजर इंटरफ़ेस प्रदान करता है। जैसा की आप देख सकते दोनों ही शैल ऑपरेशन को कर रहे है पर जो ग्राफ़िक शैल है वो कमांड लाइन शैल के मामले में स्लो काम करता है। अगर हम देखे तो 4 तरह के शैल होते है -

  • कॉर्न शैल (Korn shell )
  • बॉर्न शैल (Bourne shell)
  • C  शैल (C shell)
  • पोसिस शैल (Posix shell)

4. सिस्टम यूटिलिटी 

यह ऑपरेटिंग सिस्टम के फंक्शनलिटी को उपयोगकर्त्ता  को प्रदान करता है। 

5 . हार्डवेयर लेयर 

लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम में हार्डवेयर लेवल में  peripheral device शामिल है जैसे की RAM ,हार्डडिस्क ,CPU और भी हार्डवेयर। 

लिनक्स उपयोग करने के फायदे 

अगर देखा जाय तो लिनक्स उपयोग करने के बहुत से फायदे है जैसे की फ्री है ,वायरस का खतरा कम रहता है ,बहुत सारे इसके अलग अलग डिस्ट्रीब्यूशन मार्किट में है ,ओपन सोर्स है और भी तो चलिए  इन सब के बारे में पूरी अच्छी तरह से जानते है और देखते है की लिनक्स उपयोग करने के advantage क्या क्या है। 


  • अगर हम अन्य ऑपरेटिंग सिस्टम की तुलना लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के सिक्योरिटी से करे तो इस मामले ले लिनक्स आपको सबसे बेहतर सिक्योरिटी देता है इसमें वायरस का खतरा बहुत कम होता है ऐसा नहीं है की लिनक्स 100 प्रतिशत सुरखित है इसमें भी मैलवेयर होते होते है पर ओपन सोर्स होने की वजह से इसको जल्दी ठीक कर दिया जाता। जिससे लिनक्स यूजर का सिस्टम और डाटा दोनों सुरक्षित रहता है। 
  • लिनक्स में सॉफ्टवेयर अपडेट बहुत जल्दी आते और अपडेट करना भी काफी आसान होता है। 
  • लिनक्स इंटरनेट पर फ्री में available है इसको कोई भी डाउनलोड और इनस्टॉल कर के उपयोग कर सकता है। 
  • ओपन सोर्स होने की वजह से इसका कम्युनिटी सपोर्ट भी काफी ज्यादा है। 
  • लिनक्स के बहुत ही काम चान्सेस हैंग और स्लो होने के होते है अगर यह हैंग हो भी गया तो सिस्टम को रिबूट करने की जरुरत नहीं होती है। 
  • अगर आप अपने प्राइवेसी को लेकर बहुत ही सतर्क रहते है तो लिनक्स आप के लिए ही बना है। 
  • यह बहुत पुराने सिस्टम में भी बहुत अच्छे से काम करता है। 
  • अगर आप के हार्ड डिस्क में बहुत कम स्पेस है तो भी ये हर एक प्रोसेस को बहुत अच्छे से करता है। 
  • लिनक्स आप को flexibilty भी प्रदान करता है आप इसको इंस्टालेशन के समय कस्टमाइज भी कर सकते है की आपके सिस्टम में लिनक्स का कौन कौनसा कॉम्पोनेन्ट इनस्टॉल हो और कौन सा नहीं। आप लिनक्स फाइल्स को मल्टीप्ल पार्टीशन में सेव कर के रख सकते हो ताकि अगर कोई एक corrupt हो जाये तो आसानी से रिकवर कर सकते है। जो और ऑपरेटिंग सिस्टम में देखने को नहीं मिलता है। 

लिनक्स का उपयोग कौन करता है 

अगर हम लिनक्स के उपयोग की बात करे तो इसका सबसे ज्यादा उपयोग सर्वर में हो रहा है धीरे धीरे अब लोग अपने पर्सनल कंप्यूटर या लैपटॉप में भी लिनक्स का उपयोग करने लगे है लेकिन फिर भी अभी इसका सबसे ज्यादा उपयोग सर्वर में हो रहा है। 

आप को जान के आश्चर्य होगा की गूगल और नासा जैसी बड़ी orgainazation भी अपने सर्वर में लिनक्स का ही उपयोग करते है क्यों की लिनक्स को हैक करना या इसमें मैलवेयर का खतरा बहुत कम होता है। और परफॉरमेंस भी काफी अच्छी मिलती है। 

वैसे आप अगर एक स्टूडेंट हो या प्रोगरामिंग सिख रहे हो या फिर सर्वर या साइबर सिक्योरिटी के फील्ड में जाना चाहते हो तो आप को लिनक्स का उपयोग जरूर करना चाहिए। 





Conclusion दोस्तों मैंने अपने इस पोस्ट में आपको लिनक्स ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में बहुत ही डिटेल्स से बताया है जैसे की लिनक्स को किसने बनाया ,लिनक्स का आर्किटेक्चर ,लिनक्स के एडवांटेज, लिनक्स का उपयोग कौन करता है और भी बहुत कुछ मेरा यह पोस्ट लिनक्स को बहुत ही गहरायी से कवर किया है और मुझे आशा है की आप को बहुत कुछ नया सिखने को मिला होगा। अगर आप का कोई सवाल है या कोई सुझाव तो मुझे कमेंट कर के बताना ना भूले और साथ ही साथ मेरी इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले। 

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