मोबाइल फोन के बारे में 10 गलत बातें । Top 10 Myth about mobile phone in Hindi

मोबाइल फोन के बारे में 10 गलत बातें । Top 10 Myth about mobile phone in Hindi


दोस्तो आज के modern time में हर एक आदमी स्मार्ट फोन का यूज कर रहा है. इसके साथ ही उसके मन में इससे जुड़ी गलत अवधारनाए भी है जो कि हर एक स्मार्ट फोन यूजर के मन में रहता है.
चलिए अब हम देखते है कि क्या है वो 10 गलत बातें.

1.आपके मोबाइल को किसी एंटीवायरस की जरूरत है

आपके मोबाइल को किसी एंटीवायरस की जरूरत है
आपके मोबाइल को किसी एंटीवायरस की जरूरत है


दोस्तों यह बहुत बड़ी गलत धारणा है कि आपके स्मार्टफोन को किसी एंटीवायरस की जरूरत है बहुत से लोग ऐसे हैं जो अपने स्मार्टफोन में एक एंटीवायरस रखते हैं और यह मानते हैं कि यह एंटीवायरस अपने स्मार्टफोन में कभी वायरस नहीं आने देगा या फिर इस एंटीवायरस की मदद से आपका स्मार्टफोन बहुत ज्यादा तेज काम करेगा लेकिन दोस्तों आपको बता दूं कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता आपके स्मार्टफोन को किसी भी एंटीवायरस की जरूरत ही नहीं आपके स्मार्टफोन में आपकी मोबाइल प्रोवाइडर कंपनी पहले से सिक्योरिटी पैच देती है जिससे आपके स्मार्टफोन में कभी वायरस अटैक ना हो. दोस्तों अगर आप मानते हो कि ऐसे एंटीवायरस आपके स्मार्टफोन की स्पीड को बढ़ाते हैं तो आप बिल्कुल गलत है, क्योंकि एंटीवायरस आपके स्मार्टफोन की स्पीड बढ़ाने की बजाए घटा देते हैं लेकिन आपको लगता है कि इस एंटीवायरस से आपके स्मार्टफोन की स्पीड बढ़ गई लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं होता इसलिए कभी भी किसी भी एंटीवायरस का प्रयोग अपने स्मार्टफोन में ना करें.

2.फोन को रात में चार्ज लगाकर नहीं सोना चाहिए

फोन को रात में चार्ज लगाकर नहीं सोना चाहिए


दोस्तों आपने बहुत बार अपने मित्रों और रिलेटिव से यह सुना होगा कि रात में मोबाइल को चार्ज लगाकर कभी मत छोड़ना वरना सुबह तक याद तो मोबाइल खराब हो जाएगा या फिर आपका मोबाइल ब्लास्ट हो जाएगा, लेकिन दोस्तों देखा जाए तो ऐसा बिल्कुल नहीं होता आजकल के स्मार्टफोंस में यह फीचर अवेलेबल है कि अगर हमारा स्मार्ट फोन फुल चार्ज हो जाता है उसके बाद वह इलेक्ट्रिसिटी अपने अंदर लेगा ही नहीं और वह इन एक्टिव हो जाएगा मतलब कि आपके मोबाइल फोन के अंदर करंट जाएगा ही नहीं, दोस्तों अगर आपको भी रात में मोबाइल चार्ज लगाने की आदत है या फिर आप रात में मोबाइल चल रहा कर सोना चाहते हो और सुबह जब भी उठो तो उसे फुल चार्ज में पाना चाहते हो तो आप ऐसा आसानी से कर सकते हो क्योंकि इसमें कोई भी दिक्कत नही होगी.

3.ज्यादा रैम होने से आपका फोन ज्यादा फास्ट होगा


ज्यादा रैम होने से आपका फोन ज्यादा फास्ट होगा
ज्यादा रैम होने से आपका फोन ज्यादा फास्ट होगा

दोस्तों आप मे से  ज्यादा कर लोग यही मानते हैं कि ज्यादा रैम होने से आपका स्मार्टफोन ज्यादा फास्ट होगा लेकिन दोस्तों यह सच नहीं है क्योंकि आपके मोबाइल के स्मार्ट फोन की स्पीड केवल रैम पर डिपेंड नहीं करती फ्रेम के साथ और भी कई चीजें होती है जो आपके मोबाइल की स्पीड पर डिपेंड करती है, जैसे कि अगर आपके स्मार्टफोन में अच्छा प्रोसेसर नहीं होगा और वह बहुत ज्यादा होगी तो भी आपका स्मार्टफोन फास्ट काम नहीं करेगा क्योंकि जब तक अच्छा प्रोसेसर आपको नहीं मिलेगा तब तक आपके स्मार्टफोन में कितनी ज्यादा भी रैम हो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। प्रोसेसर के साथ साथ आपके स्मार्टफोन का हार्डवेयर भी इस बात पर डिपेंड करता है कि आपके मोबाइल की स्पीड कितनी होगी अगर आपके स्मार्टफोन का अच्छा हार्डवेयर होगा और अच्छा प्रोसेसर होगा तो आपके स्मार्टफोन की स्पीड काफी अच्छी मिलेगी.

4.बैकग्राउंड ऐप्‍स को क्‍लोज करने से परफॉरमेंस बढ़ेगा


फैक्ट: एप्पल और एंड्रॉयड दोनों मे मल्टीटास्किंग को तेजी से करने के लिए, ऐप्‍लीकेशन बैकग्राउंड मे रन होते हैं, लेकिन जितने अधिक ऐप्‍स बैकग्राउंड मे रन हो रहे है उतनी ज्‍यादा बैटरी का इस्‍तेमाल होगा? नही| आपको यह जानकर आश्चर्य होगा की एप्‍पल और एंड्रॉयड दोनों ही डिवाइसेस, बैकग्राउंड मे रन हो रहे ऐप्‍स को ज्‍यादा रिसोर्सेस इस्‍तेमाल करने की अनुमति नहीं देते.
अगर आपके फोन पर कई ऐप्‍स ओपन हैं, लेकिन आप इस समय इन्‍हे इस्‍तेमाल नही कर रहे हैं, तो वे सिर्फ वहाँ होते है, फोन की बैटरी ड्रैन नही करते.वास्तव में, शायद ऐप क्‍लोज करने और फिर से रन करने से डिवाइस पर अधिक तनाव आता हैं, क्‍योकि इन ऐप्‍स को फिर से मेमोरी से लोड करना पड़ता हैं.
Task Killer ऐप, जिन्‍हे रन हो रहे हैं किसी भी टास्‍क को एंड करने के लिए डिजाइन किया गया हैं और वे  आप जो बताएंगे वे सभी ऐप्‍स को क्‍लोज करते हैं. लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वे वास्तव में आपके डिवाइस के परफॉरमेंस या बैटरी लाईफ में सुधार कर रहे हैं.

5.अधिक मेगापिक्सल मतलब बेहतर कैमरा

फैक्ट: मेगापिक्सल सिर्फ स्मार्टफोन कैमरों के लिए एक मिथक नहीं हैं – यह किसी भी प्रकार के डिजिटल कैमरे के लिए भी एक मिथक रहा हैं. मेगापिक्सल बहुत मायने रखता है, लेकिन फोटो की क्वालिटी लाइट सेंसर्स कि कैपेसिटी पर भी निर्भर करती है. मेगापिक्सल कि साइज मेगापिक्सल के नंबर्स से अधिक मायने रखती है. इसलिए कभी कभी 8 मेगापिक्सल का कैमरा उसकी सेंसर साइज की वजह से 13 मेगापिक्सल कैमरे से बेहतर तस्वीरें देता है. इससे भी महत्वपूर्ण बात, सेंसर की क्वालिटी, लेंस और इमेज प्रोससिंग सॉफ्टवेयर जैसे कई फैक्टर्स पर परफॉरमेंस भिन्न हो सकते हैं.

6.अपने सेलफोन पर प्राइवेट ब्राउज़िंग से आप ट्रैकिंग और आप पर नज़र रखने से सुरक्षित हो जाएंगे


फैक्ट: अधिकांश मोबाइल फोन ब्राउज़रों में प्राइवेट या गुप्त मोड होता है, लेकिन इस मोड में ब्राउज़ करते समय सिर्फ कोई भी ट्रैकिंग, कुकीज़ या हिस्‍ट्री डिवाइस पर स्‍टोर नही होती.इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (चाहे वह Wi-Fi या जीएसएम हो), अथॉरिटी जिन्‍हे इसका एक्सेस हैं या साइट के ओनर से यह आपकी आइडेंटिटी, लोकेशन, एक्टिविटी और जो साइट आप विजिट कर रहे हों उन्‍हे छिपा नहीं सकते.

7.ऑटोमेटिक ब्राइटनेस बैटरी बचाता है

फैक्ट: आधुनिक स्‍मार्टफोन आमतौर पर ऑटोमेटिक ब्राइटनेस के साथ आते हैं, जो प्रकाश की स्थिति के अनुसार अपनी स्क्रीन की ब्राइटनेस को बढ़ा या कम कर सकते हैं.आपको यह लग सकता हैं कि इससे बैटरी सेव होने मे मदद मिलेगी, लेकिन अगर आप सच में बैटरी बचाना चाहते हैं तो स्‍क्रीन की ब्राइटनेस को मैन्युअली कम करें और जब भी आवश्यक हो तब ब्राइटनेस को बढ़ाए.इसका कारण यह है कि, ऑटोमेटिक ब्राइटनेस में सेंसर को ब्राइटनेस कितना होना चाहिए यह जानने के लिए प्रोसेसर के साथ हमेशा संवाद स्थापित करना पड़ता हैं, जिससे वास्‍तव में अधिक पावर का उपयोग होता है.
इसलिए ब्राइटनेस को कम से कम आरामदायक स्तर पर रखना ही बेहतर हैं.

8.केवल ओरिजिनल चार्जर का उपयोग करना चाहिए

फैक्ट: इस मिथक को अभी भी कई फोन मैन्युफैक्चरर्स द्वारा प्रचारित किया जाता है, ताकि आप प्रीमियम रेट पर उनके चार्जर्स को खरीद से और फोन मैन्युफैक्चरर्स की जेब में पैसा आ सके.
इस मामले की सच्चाई यह है कि, कोई भी चार्जर जो मैन्युफैक्चरर्स के स्पेसिफिकेशन के मुताबिक बनाया गया हो, फोन के साथ इस्‍तेमाल करने के लिए सुरक्षित होता हैं| लेकिन खरीदने से पहले आपको इस बात का पता होना चाहिए कि, सस्‍ता काम चलाऊ चार्जर और विश्वसनीय मैन्युफैक्चरर्स के चार्जर के बीच बहुत अंतर होता हैं. सस्‍ते काम चलाऊ का उपयोग करना खतरनाक हो सकता हैं, इसके लो क्वालिटी और घटिया सामग्री, आग और छोटे विस्फोट का कारण बन सकते है।.आधुनिक यूएसबी चार्जर स्टैन्डर्डाइज़्ड होते हैं और अलग अलग चार्जर से चार्जिंग टाइम अलग अलग हो सकता हैं, लेकिन वे बैटरी लाईफ पर असर नही करते.

9. पेट्रोल पम्प पर फोन यूज करने से आग लग जाएगी


myth about mobile phone in hindi
safety on petrol pump

Petrol pump mobile phone use ना करने के निर्देश हम अक्सर देखते है। लेकिन इसके पीछे का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हुआ है।.लोग यही सोचते है की फ़ोन से निकले वाले विकिरण से petrol pump में store किये जाने वाले petrol/diesel को आग लग सकती है.लेकिन इस किरणों से किसी भी प्रकार की आग नहीं लग सकती. phone ना use करने का बोर्ड सिर्फ petrol pump पर शांति एवं आपका ध्यान पेट्रोल रीडिंग मीटर पर पर रहे इसके  लिए लगाया जाता है.

10.स्मार्ट फोन को चार्ज पर लगा कर यूज ना करे


hinditech431.blogspot.com

यह एक सबसे बड़ा myth है phone को charging करते समय use करना बिलकुल safe है अगर आप phone का normal use करते है(calling या chatting, texting) तोह। ध्यान में रखे charging करते समय games जैसे heavy task या multitasking ना करे जिससे फ़ोन का temperature safe temperature से ऊपर बढ़ जाएगा। जिससे फ़ोन unstable हो सकता है. या फिर over temperature  के कारण shut off  भी हो सकता है.
Dosto ye the top 10 myth about smartphone post kaisi lagi comments box Mai jarur btana aur post ko share bhi Kare.
Thank for give your valuable time.

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