what is operating system Function Of Operating System in Hindi

क्या आप को पता है की जो आप स्मार्टफोन या लैपटॉप का उपयोग कर रहे है वह किसी ना  किसी ऑपरेटिंग सिस्टम की मदद से ही चल रहा है बिना ऑपरेटिंग सिस्टम  के इन लैपटॉप या स्मार्टफोन का उपयोग करना काफी मुश्किल भरा काम होता क्यों की बिना ऑपरेटिंग सिस्टम के हमको हर एक काम के लिए  एक particular सॉफ्टवेयर को बनाना पड़ेगा जो उस काम को करे जैसे की अगर आप अपने कंप्यूटर से प्रिंट कमांड देते है किसी भी डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने के लिए तो आपको सिर्फ एक प्रिंट कमांड के लिए अलग से सॉफ्टवेयर बनाना पड़ेगा जो उस प्रिंटर को ये बताएगा की उसको डॉक्यूमेंट प्रिंट करना है और भी ऐसे काम के लिए आपको अलग अलग सॉफ्टवेयर बनाना पड़ेगा जो की बहुत ही मुश्किल भरा काम है। 
ऑपरेटिंग सिस्टम को इसीलिए बनाया गया ताकि हमको अलग अलग टास्क करने के लिए अलग अलग सॉफ्टवेयर ना बनान पड़े और हम आसानी से अपने डिवाइस को मैनेज कर सके और अपने मोबाइल या कंप्यूटर का आसानी से उपयोग कर सके। 


what is operating system in Hindi
what is operating system in Hindi


What is operating system in Hindi

ऊपर आप जान ही गए होंगे की हमारे कंप्यूटर या मोबाइल को चलाने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम कितना महत्वपूर्ण है पर अभी भी आपके मन में ये सवाल आता होगा की आखिर ये ऑपरेटिंग सिस्टम होता क्या है और इसका काम क्या होता है हमारे स्मार्टफोन या कंप्यूटर में तो अब मै आपको इसके बारे में detail में समझाता हु। 

operating system
Operating System


देखिये ऑपरेटिंग सिस्टम एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है जो की यूजर एप्लीकेशन और कंप्यूटर हार्डवेयर  के बीच में इंटरफ़ेस का काम करता और हर एक प्रोग्राम के execution को कण्ट्रोल करता है मतलब की किसी भी कंप्यूटर में कोई भी एप्लीकेशन को चलाने के लिए आप को एक ऑपरेटिंग सिस्टम की जरूरत पड़ेगी। उदहारण के लिए अगर आप अपने कंप्यूटर में chrome browser को खोलने के लिए जैसे ही उसके आइकॉन पर क्लिक करते हो तो ऑपरेटिंग सिस्टम ही उसको RAM में लोड करता है और फिर CPU process कर के आपके लिए आपके मॉनिटर के स्क्रीन पर chrome browser को खोल देगा। OS (Operating System ) की मदत से हम कंप्यूटर की भाषा जाने बिना ही कंप्यूटर से अपना टास्क करा लेते है। बिना ऑपरेटिंग सिस्टम के हम अपने मोबाइल या कंप्यूटर को नहीं चला सकते। 

सबसे ज्याद उपयोग होने वाले ऑपरेटिंग सिस्टम की लिस्ट?


 Operating System Name  Upyog %
 Windows  40.34
 Android 37.95
 Linux 0.95
 Mac OS 4.34
 chrome OS 0.14
 Windows Phone OS 0.06

Operating System (OS) का इतिहास 

सबसे पहले कंप्यूटर को एक सिंगल टास्क करने के लिए बनाया गया था जैसे की कैलकुलेटर  1950 में सबसे पहला OS बनाया गया एकदम बेसिक वर्शन जैसे की resident मॉनिटर जो प्रॉसेसिंग की स्पीड बढ़ाने के लिए automatic प्रोग्राम को रन करा सकते है। 1950 के शुरुवात में एक कंप्यूटर एक समय में केवल एक ही प्रोग्राम को चला सकता था। बाद में कुछ मशीन आयी जिसमे प्रोगरामिंग की जा सकती थी जिसको यूजर के प्रोग्राम से जोड़ कर इनपुट और आउटपुट और मशीन कोड को compile कर के पढ़ सकने में सक्षम थी। यह Modern टाइम के ऑपरेटिंग सिस्टम की उत्पति थी पर मशीन अभी भी एक टाइम में एक ही काम करती थी। 

1960 के मध्य में ऑपरेटिंग सिस्टम डिस्क का इस्तेमाल करना शुरू  कर दी थी ऐसी समय सबसे पहला UNIX OS बनाया गया। 1981 में दुनिया का सबसे पहला DOS ऑपरेटिंग सिस्टम माइक्रोसॉफ्ट द्वारा बनाया गया ,आज कल सबसे ज्यादा पॉपुलर विंडोज OS सबसे पहले 1985 में आया अब तक GUI को बना लिया गया था और फिर उसको MS DOS के साथ जोड़ दिया गया। 


Function Of Operating System In Hindi

नीचे मै आप को ऑपरेटिग सिस्टम के कुछ important Function के बारे में बताऊंगा। 


Process Management


जब आप मल्टीप्रोसेस प्रोसेस करते है तो OS यह निश्चित करता है की कौन सा प्रोसेस पहले प्रोसेसर से इंटरैक्ट करेगा। os के इस फंक्शन को प्रोसेस शेडूलिंग कहते है,एक ऑपरेटिंग सिस्टम प्रोसेस मैनेजमेंट को कुछ इस तरह मैनेज करता है। 

हर एक प्रोसेस के स्टेटस को ट्रैक करना। और जो प्रोग्राम इस टास्क को करता है उसको ट्रैफिक कंट्रोलर कहते है। प्रोसेसर को प्रोसेस करने के लिए CPU को allocate करना तथा जब किसी प्रोसेस की जरुरत ना हो तो processor को de-allocate करना।

Memory Management

Operating System प्राइमरी मेमोरी या मेन मेमोरी को मैनेज करता है। मेन मेमोरी फ़ास्ट स्टोरेज होता है और CPU इसको डायरेक्टली एक्सेस करता है। किसी भी प्रोग्राम को execute होने के लिए सबसे पहले उसको मेन मेमोरी में लोड होना पड़ता है। एक ऑपरेटिंग सिस्टम मेमोरी मैनेजमेंट के लिए निम्नलिखित गतिविधिया करता है। 

यह हमेशा प्राइमरी मेमोरी को ट्रैक करता है और यह निश्चित करता है की मेमोरी का कौन सा byte कौन से यूजर प्रोग्राम द्वारा उपयोग किया जा रहा है। मेमोरी का कौन सा एड्रेस पहले से allocate हो गया है और कौन सा एड्रेस अभी भी उपयोग नहीं हो रहा है। जब कभी भी ढेर सारे प्रोग्राम चलते है मतलब मल्टीप्रोग्रॅमिंग में ऑपरेटिंग सिस्टम यह या निश्चित करता है की कौन से प्रोसेस को कितना मेमोरी दिया जाय और कितने समय के लिए दिया जाय। जब कोई प्रोसेस इससे रिक्वेस्ट करता है तो यह उसे मेमोरी देता है और जब प्रोसेस टर्मिनेट हो जाता है तो ये मेमोरी नहीं देता है। 

File Management


file system को अच्छे से या आसान तरीके से उपयोग करने के लिए डायरेक्टरी में व्यवस्तिथ किया जाता है। इन डायरेक्टरी में ढेर सारी डायरेक्टरी और फाइल हो सकती है। एक ऑपरेटिंग सिस्टम निम्नलिखित फाइल मैनेजमेंट एक्टिविटी को करता है। यह यह निश्चित करता है की फाइल कहा स्टोर हो ,कौन उसको एक्सेस कर सकता है ,फाइल की सेटिंग,नेमिंग,फाइल शेयरिंग इन सभी फीचर को फाइल मैनेजमेंट सिस्टम के रूप में जाना जाता है। 

ऑपरेटिंग सिस्टम में फाइल मैनेजमेंट क्या होता है?

Device management 

किसी भी ऑपरेटिंग सिस्टम में डिवाइस का जो कम्युनिकेशन होता है वो उनके डिवाइस ड्राइवर के द्वारा होता है। यह डिवाइस मैनेजमेंट के लिए निम्नलिखित एक्टिविटी करता है ,यह जानकारी रखता है की कौन से डिवाइस सिस्टम से जुड़े हुवे है। इनपुट आउटपुट कन्ट्रोलर के लिए भी एक खास प्रोग्राम को रखता है ,यह भी निश्चित करता है की कौन सा प्रोसेस कितने समय के लिए किसी डिवाइस का उपयोग करेगा। यह प्रभावी और कुशल तरीके से डिवाइस को allocate करता है। और जब जरुरत नहीं होती है तो डिवाइस को हटा लेता है। 


Security 

ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर के डाटा को प्रोटेक्ट करने के लिए पासवर्ड प्रोटेक्शन का उपयोग करता है तथा मैलवेयर और वायरस से भी प्रोटेक्शन प्रदान करता है। 

System Performance Control  

यह सिस्टम के परफॉरमेंस को बढ़ाने के लिए सिस्टम हेल्थ को मॉनिटर करता है जो आप टास्क मैनेजर का उपयोग करते है वही है ये ,यह सर्विस रिक्वेस्ट और टाइम responce के बीच टाइम रिस्पांस को भी रिकॉर्ड करता है जो हमें सिस्टम हेल्थ की पूरी जानकारी देता है। और इसका उपयोग करके सिस्टम में किसी भी प्रॉब्लम को जाना जा सकता है। 

Job Accounting 

ऑपरेटिंग सिस्टम सभी यूजर या ग्रुप ऑफ़ यूजर और जितने भी टास्क कंप्यूटर में होते है उन सब का हिसाब रखती है। और हम इस रिसोर्स का उपयोग यह देखने के लिए कर सकते है की कौन सा यूजर कंप्यूटर में क्या क्या रिसोर्स का उपयोग किया। 

Error Detecting 

ऑपरेटिंग सिस्टम error का पता लगाने और कंप्यूटर सिस्टम के खराबियों से बचने के लिए लगातार सिस्टम को मॉनिटर करते रहता है। 

Communication Management 

ऑपरेटिंग सिस्टम अलग अलग यूजर के लिए interpreter ,कम्पाइलर ,असेम्बलर ,और अन्य सॉफ्टवेयर के बीच समन्वय और असाइन करना है। 

Secondary-Storage Management 

सिस्टम में स्टोरेज के कई लेवल होते है प्राइमरी स्टोरेज ,सेकेंडरी स्टोरेज और कैश स्टोरेज शामिल है। इंस्ट्रक्शन और डाटा को प्राइमरी मेमोरी में या कैश में स्टोर किया जाता है जिससे जो प्रोग्राम रन हो रहे है इससे reference कर सके। 

इन सब के अलावा भी ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर और कंप्यूटर को कुछ और भी सेवाएं देता है जो कुछ इस तरह है। 


Program को execute करना 

कंप्यूटर सिस्टम के अन्दर सभी प्रोग्राम को एक्सेक्यूट करना (मतलब चलाना ) चाहे वो यूजर प्रोग्राम हो या फिर सिस्टम प्रोग्राम ऑपरेटिंग सिस्टम की ही जिम्मेदारी होती है। ऑपरेटिंग सिस्टम सिस्टम के हर एक रिसोर्स का उपयोग करता है ताकि कंप्यूटर का हर एक फंक्शन अच्छे से काम कर सके। 

Information और Resouce Protection 

Operating system की ये जिम्मेदारी होती है की वो सिस्टम के अंदर उपलब्ध सभी इनफार्मेशन और resources का अच्छे तरीके से उपयोग करे। ऑपरेटिंग सिस्टम किसी भी प्रकार के डेटा या इनफार्मेशन को बाधित करने के लिए किसी भी बाहरी रिसोर्स से प्रयास कर सकता है। 

Resource Allocation  

ऑपरेटिंग सिस्टम ही ये decide करता है की कौन सा रिसोर्स किसके द्वारा उपयोग किया जायेगा और कितने समय के लिए उपयोग किया जायेगा ये सब अच्छे से हो ये सब सुनिश्चित करना ऑपरेटिंग सिस्टम का ही काम है। 

Accounting 

एकाउंटिंग में ऑपरेटिंग सिस्टम क्या करता है की जो भी की जो भी फंक्शन सिस्टम के अंदर एक समय पर चलते है उन सब का एक ट्रैक रखता है। जैसे की अगर कोई error आ गया या कोई और सिस्टम के अंदर प्रॉब्लम इन सब की जानकारी को अपने ट्रैक में रखता है। 

Input-Output को handle करना 

जब हम कोई भी इनपुट या आउटपुट कंप्यूटर को देते तो हो सकता है दोनों instruction अलग अलग डिवाइस से दिया गया हो उदहारण के लिए जब आप माउस से इनपुट देता या फिर कीबोर्ड से तो दोनों के इनपुट में बहुत अंतर होता है और इन दोनों के इनपुट को अलग अलग करना और पहचानना ऑपरेटिंग सिस्टम का ही काम होता है जो की ऑपरेटिंग सिस्टम बहुत अच्छे से करता है। 

Error को पहचानना और हैंडल करना 

जब आप कोई काम कर रहे होते है तो उस टाइम सिस्टम में कोई भी परेशानी आती है या ऑपरेटिंग सिस्टम ही कोई टास्क कर रहा होता है अगर उसको कोई error या bug मिलता है तो उसकी पहचान करना ऑपरेटिंग सिस्टम का ही काम होता है। किसी भी बाहरी सोर्स से सिस्टम के अंदर कोई ब्रीच ना हो इन सब चीज़ को हैंडल करना एक बहुत अच्छे सिक्योर OS के लिए बहुत जरुरी है। 

Manipulation Of File System 

आपके सिस्टम के अंदर जो भी स्टोरेज मीडिया है जैसे की हार्ड डिस्क या फ्लॉपी डिस्क या पेन ड्राइव में डेटा कैसे स्टोर होगा ये decide करना भी ऑपरेटिंग सिस्टम का काम है। 

दोस्तों अभी तक हमने ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है ,कैसे काम करता है इसके फंक्शन क्या है के बारे में जाना अब हम इसके फायदे और नुकसान के बारे में जानेगे। 

Advantage Of Operating System In Hindi 

  • ऑपरेटिंग सिस्टम की मदद से ही हम किसी एप्लीकेशन को अपने कंप्यूटर सिस्टम में उपयोग कर पाते है। 
  • हर हमारे और कंप्यूटर हार्डवेयर के बीच इंटरफ़ेस का काम करता है। 
  • GUI (ग्राफ़िक यूजर इंटरफ़ेस )में उपयोग करने में भी आसान है। 
  • हार्डवेयर और एप्लीकेशन के बीच intermediate का काम करता है। 
  • ऑपरेटिंग सिस्टम की वजह से ही हम कंप्यूटर सिस्टम को आसानी से उपयोग कर पाते है। 
  • हमारे काम को भी बहुत आसान बना देता है। 

Disadvantage Of Operating System In Hindi 

अगर देखा जाय तो ऑपरेटिंग सिस्टम के कोई खास नुकसान नहीं है क्यों की ये हमारे फायदे और काम को आसान बनाने के लिए ही बनाया गया है फिर भी अगर कमी निकालना चाहते है तो कुछ पॉइंट कह सकते है। 

  • यह आप कह सकते है की ऑपरेटिंग सिस्टम आपके डेटा की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी नहीं लेता। 
  • इसका lisence बहुत ही महंगा आता है अगर आप क्रैक version नहीं उपयोग कर रहे है। 
  •  अगर OS corrupt हो जाता है तो आप का डेटा भी loss हो सकता है .


Conclusion : दोस्तों आज हम लोगो ने What is operating system Function Of Operating System in Hindi और ऑपरेटिंग सिस्टम के फायदे और नुकसान के बारे में बहुत ही गहराई से स्टडी किया अगर आप को इस पोस्ट से realated कुछ कहना है या कोई suggession है तो comment बॉक्स में जरूर बताये अगर आप को इस पोस्ट से कुछ नयी जानकारी मिली है तो अपने दोस्तों में जरूर शेयर करे। 

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