RAM in Hindi

दोस्तों आज हम कंप्यूटर के एक बहुत ही महत्वपूर्ण पार्ट के बारे में जानेगे जिसको हम लोग RAM के नाम से जानते है। RAM हर तरह के डिवाइस में होता है जैसे की मोबाइल ,टेबलेट ,लैपटॉप या फिर हमारा कंप्यूटर ही क्यों ना हो बिना RAM के ये सब डिवाइस बेकार के हो जायेगे। 


what is RAM in Hindi
RAM in Hindi

आप के कंप्यूटर सिस्टम में कोई भी प्रोग्राम बिना रैम के नहीं चल सकता अगर आप के कंप्यूटर में रैम नहीं रहेगा या फिर रैम खराब हो जाता है तो आप का कंप्यूटर काम ही नहीं करेगा क्यों की यह प्राइमरी मेमोरी होता है और हार्डडिस्क से ऑपरेटिंग सिस्टम को लोड करना और सभी आप्लिकेशन को लोड कर उपयोगकर्ता को मॉनिटर पर दिखाना रैम का ही काम है। अपने इस पोस्ट में मै आपको रैम क्या होता है, कैसे काम करता है और इसके कितने प्रकार है को बताऊंगा। रैम को जानने से पहले हम प्राइमरी मेमोरी को जानेगे की प्राइमरी मेमोरी क्या होती है। 



प्राइमरी मेमोरी क्या होती है

प्राइमरी मेमोरी कंप्यूटर की main मेमोरी होती है। प्राइमरी मेमोरी से डाटा एक्सेस करना बहुत फ़ास्ट होता है क्यों की यह कंप्यूटर की इंटरनल मेमोरी होती है। और यह volatile होती है मतलब अगर सिस्टम का पावर बंद हो गया तो सारा डाटा खत्म हो जाता है। प्राइमरी मेमोरी सेमीकंडक्टर मेमोरी होती है और यह सेकेंडरी मेमोरी से महँगी भी होती है। प्राइमरी मेमोरी की capacity हमेशा limited होती है अगर हम इसकी तुलना सेकेंडरी मेमोरी से करे तो। 




दो तरह की प्राइमरी मेमोरी होती है -

  1. रैम (RAM )
  2. रोम (ROM )

What is RAM In Hindi (रैम क्या है )

देखिये अगर बात हम रैम (RAM ) की करे तो इसका फुल फॉर्म रैंडम एक्सेस मेमोरी (Random Access Memory) होता है और यह एक वोलेटाइल मेमोरी होता है मतलब जब तक आप का कंप्यूटर ऑन रहेगा तब तक इसमें स्टोर डाटा का आप उपयोग कर सकते है जैसे ही आप का कंप्यूटर बंद होता है वैसे ही इसमें स्टोर सभी डाटा खत्म हो जाता है। 

यह कंप्यूटर का प्राइमरी मेमोरी होता है जब भी आप अपने कंप्यूटर या मोबाइल को पावर ऑन करते हो तो हार्ड डिस्क से ऑपरेटिंग सिस्टम रैम में लोड होता है उसके बाद ही हम कंप्यूटर का उपयोग कर पाते है इसके अलावा अगर आप अपने कंप्यूटर में कोई भी प्रोग्राम जैसे की कोई गेम या फिर MS Word को ओपन करते है तो सबसे पहले ये सब प्रोग्राम हार्डडिस्क से रैम में लोड होते है और लोड होने के बाद ही इनमे हम कुछ बदलाव कर पाते है। 

RAM के अंदर कोई भी प्रोग्राम हमेशा के लिए सेव नहीं होता है अगर आप ने कोई फाइल या एप्लीकेशन में कोई बदलाव किये है तो उसको अपने सेकेंडरी मेमोरी में सेव कर लेनी चाहिए क्यों की जैसे ही कंप्यूटर बंद होगा वो सब सीटिंग हट जायेगा अगर वो हार्ड डिस्क में सेव होने की बजाय रैम में सेव थी तो। 


रैम की क्या विशेसताये है (Characteristics Of RAM In Hindi) 


1.यह volatile मेमोरी है। 



2 . सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में काफी महंगी होती है। 



3. रैम का स्पीड भी तेज होता  है। 



4. कोई भी प्रोग्राम जब भी हम ओपन करते है तो सबसे पहले इसी में लोड होता है। 



5. CPU इसको डिरेक्टली एक्सेस करता है। 



6. रैम कंप्यूटर का वर्किंग मेमोरी होता है। 


रैम (RAM ) कितने प्रकार के होते है 

अगर बात हम रैम के प्रकार की करे तो मुख्यत रैम तीन प्रकार के होते है -

  1. डायनमिक रैम (Dynamic RAM )
  2. स्टैटिक रैम (Static RAM )
  3. सिंक्रोनस रैम (Synchronous RAM )
चलिए अब बारी बारी हम इन तीनो के बारे में डिटेल्स में जानते है। 

  1. डायनमिक रैम (Dynamic RAM )

DRAM का फुल फॉर्म डायनामिक रैंडम एक्सेस मेमोरी है। DRAM एक ऐसा RAM है जिसमे डाटा का हर एक bit एक अलग अलग कपैसिटर में स्टोर होता है। मेमोरी में डाटा को स्टोर करने का यह एक कुशल तरीका है ,क्यों की इसमें डाटा की सामान मात्रा को स्टोर करने के लिए काम physical space की आवश्यकता होती है और यह डेटा को ऐसे स्टोर करता है जैसे की इसे statically स्टोर किया गया हो। इसलिए DRAM चिप  SRAM से ज्यादा डेटा स्टोर कर सकती है वो भी SAME साइज में। हालाँकि DRAM में capicitor को अपना चार्ज बनाये रखने के लिए लगातार रिफ्रेश करने की आवश्य्कता होती है इसी वजह से DRAM को SRAM से ज्यादे पावर की आवश्य्कता होती है। 

जैसा की DRAM, SRAM से ज्यादा डेटा स्टोर करता है और इसके साथ SRAM से सस्ता भी है इसलिए आज कल के ज्यादातर कंप्यूटर में इसी मेमोरी का उपयोग किया जा रहा है ,जबकि DRAM भी बहुत प्रकार के आते है इनसे से जो सबसे कॉमन और ज्यादा उपयोग होने वाला है वो है SDRAM जो की स्टैण्डर्ड DRAM का फास्टेस्ट वर्शन है। 

दोस्तों अगर बात हम लोग DRAM के प्रकार की करे तो DRAM कुल 5 प्रकार का होता है -

Asynchronous DRAM (ADRAM) In Hindi

Asynchronous DRAM, DRAM का पुराना प्रकार है जो पहले के कंप्यूटर में उपयोग होता था। यह असिंक्रोनोस इसलिए कहा जाता है क्यों की 

Synchronous DRAM In Hindi

SDRAM का फुल फॉर्म सिंक्रोनस डायनमिक रैंडम एक्सेस मेमोरी होता है इस रैम चिप की स्पीड सीधे CPU के clock स्पीड के साथ सिंक्रोनाइज होती है। मेमोरी चिप ऑपरेशन के लिए हमेशा तैयार रहता है जब भी CPU को इनकी जरुरत होती है। साथ ही ये मेमोरीज  wait state लगाए बिना CPU के मेमोरी बस में करती रहती है। 

Dual-Data-Rate (DDR) RAM In Hindi

अगर हम बात DDR RAM की करे तो यह SDRAM का एडवांस वर्शन है और यह क्लॉक signal के दोनों तरफ अपना संचालन करता है जबकि अगर हम SDRAM को देखे तो यह क्लॉक signal के raising किनारे पर अपना संचालन करता है।जैसा की DDR RAM क्लॉक सिग्नल के दोनों किनारो पर डेटा ट्रान्सफर करता है इसलिए इसके डेटा ट्रांसफर की स्पीड दुगुना होता है। डाटा को high रेट पर एक्सेस करने के लिए इसके मेमोरी सेल दो ग्रुप में व्यवस्तिथ होते है और हर एक ग्रुप अलग अलग एक्सेस होता है। 


DDR2, DDR3 और DDR4 RAM In Hindi

DDR Technology को एक के बाद एक आने वाली पीढ़ियों के माध्यम से विकसित किया गया है। DDR रैम का हर एक वर्शन अपने पिछले वर्शन की अपेछा काफी तेज होता है और काम ऊर्जा का उपयोग भी करता है। 

Rambus DRAM (RDRAM) In Hindi

अगर बात हम RDRAM की करे तो यह एक नैरो CPU bus से बहुत तेज डेटा ट्रांसफर रेट प्रदान करता है। यह डेटा को तेजी से प्रॉसेस करने के लिए विभिन speedup machanisms का उपयोग करता है जैसे की सिंक्रोनस मेमोरी इंटरफ़ेस ,DRAM चिप के अंदर caching और फ़ास्ट सिंग्नल टाइम। और इसके बस की चौड़ाई 8 या 9 bit की होती है। 

DRAM के Advantage (Advantage Of DRAM )

अभी तक हमने DRAM के प्रकार के बारे में बहुत ही अच्छे से जाना है अब हम इसके फायदे मतलब की इसके एडवांटेज के बारे में जानेगे। 

अगर हम इसकी तुलना secondary device जैसे की हार्ड डिस्क या ssd से करे तो यह इन सब से बहुत तेज होता है। 

DRAM SRAM से अधिक dense है मतलब की DRAM एक दिए गए स्पेस में कही अधिक डेटा को सेव कर सकता अगर compaire करे SRAM से तो। 

और यह अपनी simpl डिज़ाइन के कारन SRAM से सस्ता होता है। 

जैसा की मैंने आप को बताया है की DRAM बहुत dense होता है। 

DRAM के Disadvantage (Disadvantage Of DRAM )

अगर हम इसकी तुलना SRAM से करे वो स्पीड में मामले में तो यह थोड़ा स्लो होता है। 

यह SRAM से ज्यादा पावर को consume करता है और ज्यादा गर्म भी होता है। 

अगर कंप्यूटर का पावर बंद होता है तो डेटा खोने का डर रहता है क्यों की DRAM एक volatile मेमोरी है। 

DRAM में डेटा हमेशा रिफ्रेश होते रहता है। 

2. स्थैतिक रैम (Static RAM )


SRAM in hindi
SRAM in Hindi

स्थैतिक रैंडम एक्सेस मेमोरी (static RAM या SRAM ) यह भी रैंडम एक्सेस मेमोरी यानि की RAM का एक प्रकार है जो डेटा को स्टोर करने के लिए latching Circuirty यानि की (फ्लिप फ्लॉप ) टेक्निक का उपयोग करता है। जब भी सिस्टम का पावर बंद होता है जो भी डेटा SRAM में होता है वो सब खतम हो जाता है। 

शब्द Static SRAM को DRAM से अलग बनाता है जहा DRAM  (dynamic randome access memory) में डेटा एक टाइम पीरियड में रिफ्रेश होता रहता है वही काम SRAM में नहीं होता है। SRAM DRAM से तेज और महंगा होता है ,यह CPU cache के लिए उपयोग होता हो तो DRAM कंप्यूटर के main मेमोरी के जैसा उपयोग किया जाता है। 




Type Of SRAM In Hindi

जैसे DRAM अलग अलग प्रकार का होता वैसे ही SRAM भी अलग अलग प्रकार का होता है ,अगर देखा जाय तो SRAM मुख्यतः 2 प्रकार के होते है। पर इन दो प्रकारो के अलावा भी SRAM को ट्रांजिस्टर के आधार पर ,फंक्शन के  आधार पर और फीचर के आधार पर भी बाटा गया है। तो चलिए बारी बारी इसके सभी प्रकार को जानते है। 

Non-Volatile SRAM (NV-SRAM) In Hindi

Non-Volatile SRAM (nvSRAM) की कार्य छमता standard SRAM जैसी होती है पर इसका एक फायदा यह है की अगर विजली चली भी गयी तो आपका डाटा खोने का डर नहीं रहता क्यों की ये डेटा को सेव कर के रखते है जिससे महत्वपूर्ण डेटा खोने का डर नहीं रहता है। nvSRAM का उपयोग बहुत ही महत्वपूर्ण जगहों पर किया जाता है जैसे की नेटवर्किंग ,ऐरोस्पेस ,मेडिकल सर्विसेज में जहा डेटा का संरक्षण बहुत की महत्वपूर्ण होता है। 


Pseudo SRAM (PSRAM) In Hindi

अगर बात करे हम PSRAM की तो यह सिर्फ देख़ने में SRAM जैसा दिखता है पर काम लगभग DRAM जैसा करता है क्योकि PSRAM में एक DRAM मेमोरी कोर है और इसमें एक सेल्फ रेफरेंस सर्किट होता है। यह दिखने में सिर्फ SRAM जैसा दिखता है काम SRAM जैसा नहीं करता जिसकी वजह से इसको Pseudo SRAM कहते है। 


ट्रांजिस्टर के आधार पर SRAM के प्रकार 

Transistor के आधार पर SRAM दो तरह के होते है 

Bipolar junction transistor - बहुत तेज होता है पर पावर भी ज्यादा लेता है। 

Mosfet (used in CMOS ) -यह बहुत काम पावर का उपयोग करता है और आज कल बहुत उपयोग होता है। 

Function के आधार पर 

Asynchronous - यह क्लॉक frequency पर निर्भर नहीं करता है जो भी डाटा का इनपुट आउटपुट होता है वो सब एड्रेस ट्रांसलेशन के द्वारा कण्ट्रोल किया जाता है। 

Synchronization - सभी समय की शुरुआत एक घडी की edge से होती है। एड्रेस ,डेटा इनपुट और अन्य कण्ट्रोल क्लॉक सिग्नल से सम्बंधित है। 


Feature के आधार पर 

  • DDR SRAM
  • Quad Data Rate SRAM
  • Zero Bus Turnaround (ZBT)
  • SyncBurst (sync burst SRAM or Synchronous-burst SRAM)

Flip Flop के आधार पर 


  • Binary SRAM
  • Ternary SRAM

SRAM के एडवांटेज (Advantage Of SRAM)

SRAM में डाटा पेरिऑडिकालय रिफ्रेश नहीं होता है जिससे इसकी स्पीड काफी अच्छी रहती है। 

SRAM का उपयोग एक खास तरह के स्पीड सेंसेटिव कैश बनाने के लिए उपयोग होता है। 

इसका पावर कोन्सुम्प्शन बहुत काम होता है। 

इसका ज्यादातर उपयोग वीडियो कार्ड बनाने के लिए या फिर कैश मेमोरी के लिए उपयोग किया जाता है। 

SRAM के Disadvantage (Disadvantage Of SRAM)

SRAM DRAM के मुकाबले काफी महंगा होता है। 

SRAM की स्टोरेज कैपेसिटी बहुत कम होती है 1MB से 16MB तक। 

इसमें भी पावर ऑफ होने पर डाटा लूज़ हो जाता है। 

Synchronous DRAM In Hindi

SDRAM का फुल फॉर्म Synchronous Dynamic Random Access Memory  होता है। SDRAM अधिक कुशलता से ऑपरेट होता है क्यों की यह क्लॉक के सिंक्रोनाइजेशन के अनुसार काम करता है। इसी वजह से इसको तेजी से मैनेज करना आसान हो जाता है और SDRAM की स्पीड को नैनो सेकंड की बजाय MZ में मापा जाता है। 1970 के समय में इसका व्यापक रूप से कंप्यूटर सिस्टम में इस्तेमाल किया जा रहा है।  

SDRAM के एडवांटेज (Advantage Of SDRAM In Hindi)


अगर इसकी तुलना रैम के और सब वर्शन से करे तो ये उन सब से काफी फ़ास्ट होता है। 

यह सिस्टम क्लॉक के साथ सिंक्रोनाइज होता है। 

यह कन्वेंशनल मेमोरी की तुलना में अधिक क्लॉक स्पीड से चल सकता है।

यह स्टैण्डर्ड DRAM से 4 गुना ज्यादा कुशल होता है। 

SDRAM के डिसएडवांटेज (Disadvantage Of SDRAM In Hindi)


इसका एक disadvantage है की यह पुराने मदर बोर्ड को सपोर्ट नहीं करता है। 

यह सिंगल डाटा रेट पर वर्क करता है यह पर क्लॉक साइकिल पर अपने टास्क को करता है और इस कमी को दूर करने के लिए डबल डाटा रेट SDRAM मार्किट में आया। 


Conclusion दोस्तों आज हमने रैम के बारे में बहुत ढेर सारी जानकारी हासिल किया क्यों की मैंने अपने इस RAM In Hindi पोस्ट में RAM को बहुत बारीकी से समझाया है और साथ ही साथ मैंने आप को RAM के डिफरेंट डिफरेंट प्रकार के बारे में बहुत ही गहराई से बताया है। 

मुझे पूरा विश्वास है की आप इस पोस्ट से बहुत कुछ नयी जानकारी मिली होगी अगर आप का कोई Question या कोई सुझाव हो तो कमेंट कर के बताना न भूले और जानकारी अच्छी लगी तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूले। 

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