इंटरनेट को हिंदी में क्या कहते है? What is internet in Hindi

इंटरनेट को हिंदी में क्या कहते है? What is internet in Hindi


इंटरनेट को हिंदी में क्या कहते है
इंटरनेट को हिंदी में क्या कहते है


दोस्तों आज हर कोई इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहा है चाहे वह स्कूल स्टूडेंट हो या घर पर काम करने वाली महिलाये आज इंटरनेट हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है इंटरनेट हमारे जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा इसलिए बन गया है की इसने बहुत से काम को बहुत ही आसान बना दिया है इसका सबसे अच्छा उदहारण की बात करू तो आप ऑनलाइन वीडियो कालिंग को ही देख लो कोई भी आदमी दुनिया के किसी भी हिस्से में रहे हम उसे देख सकते है और बात भी कर सकते है बस वह इंटरनेट ने जुड़ा हो। आज इंटरनेट स्टूडेंट की बहुत ही हेल्प कर  रहा वह अपने किसी भी समस्या का हल आसानी से इंटरनेट पर खोज सकते है परन्तु इंटरनेट का इतना इस्तेमाल करने के बाद भी बहुत से लोग इसका फुल फॉर्म और हिंदी में इंटरनेट को क्या कहते है नहीं जानते है। दोस्तों आज मै आपको इंटरनेट का इतिहास और फुल फॉर्म,हिंदी में क्या कहते है अपने इस ब्लॉग gbtechs.net पर बताऊंगा तोह सबसे पहले हम जानेगे इंटरनेट क्या है ?

इंटरनेट क्या है?



इंटरनेट का फुल फॉर्म इंटरकनेक्टेड  नेटवर्क है  जिसे वर्ष 1950 में विंट कर्फ़ ने शुरू किया।इन्हे इंटरनेट का पिता भी कहा जाता है। इंटरनेट "नेटवर्को का नेटवर्क" है जिसमे निजी और सार्वजनिक लाखो लोकल से ग्लोबल स्कोप वाले नेटवर्क होते है. नेटवर्क दो या दो से अधिक कंप्यूटर सिस्टमो को आपस में जोड़कर बनाया गया एक समूह होता है। 


इंटरनेट पर डाटा को प्रोटोकॉल के द्वारा नियंत्रित किया जाता है। TCP/IP द्वारा एक फाइल कई छोटे भागो में फाइल सर्वर के द्वारा बाटा जाता है जिसे पैकेट कहा जाता है। इंटरनेट पर कंप्यूटर एक दूसरे से डाटा का आदान प्रदान प्रोटोकॉल के माध्यम से ही करते है। 

इंटरनेट को हिंदी में क्या कहते है ?


तकनीकी और भाषा के स्तर पर देखें तो इंटरनेट को हिंदी में अंतरजाल कहा जाता है यानी एक ऐसा सूचनाओं का भंडार जहां पर आपको बहुत सी समस्याओं का हल मिल जाता है। 

इंटरनेट का इतिहास 


साल 1969  में loss Angeles में University of California तथा  University of Utah अरपानेट शुरुवात में जुड़े इस परियोजना का मुख्य उद्देश्या सभी यूनिवर्सिटी और अमेरिका रक्षा मंत्रालय के कम्प्यूटरो को आपस में जोड़ना था यह दुनिया का पहला पैकेट स्विचिंग नेटवर्क था। 


80 दसक के बीच में ,एक और शंघीय एजेंसी राष्ट्रीय विज्ञानं फॉउण्डेशन ने एक नया उच्च छमता वाला नेटवर्क NSFnet बनाया जो ARPANET से अधिक बड़ा और अच्छा था. NSFnet  में यही एक कमी थी की वो अपने नेटवर्क में केवल एजुकेशन अनुसंधान को ही अनुमति देता था ,किसी भी प्रकार के निजी व्यापार की अनुमति नहीं देता था। ऐसी कारण निजी संगठनों तथा लोगो ने अपने खुद के नेटवर्क का निर्माण करना शुरू कर दिया जिसने बाद में ARPANET तथा NSFnet  से जुड़कर इंटरनेट का निर्माण किया। 

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